सारंडा अभियान में घायल CRPF इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा ने दिया देश के लिए बलिदान ,दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांसें
पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में माओवाद विरोधी अभियान के दौरान हुए आईईडी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 60वीं बटालियन के इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा (58) ने इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। उन्होंने गुरुवार तड़के दिल्ली AIIMS में दम तोड़ा।

यह घटना 10 अक्तूबर 2025 को हुई थी, जब सीआरपीएफ की एफ/60 कंपनी सारंडा क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान चला रही थी। अभियान के दौरान माओवादियों द्वारा बिछाए गए आईईडी विस्फोट में इंस्पेक्टर मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। विस्फोट में उनके बाएं पैर में गहरी चोटें आई थीं।
घायल होने के तुरंत बाद उन्हें हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर पहले राउरकेला से रांची और फिर दिल्ली एम्स भेजा गया, जहां 11 अक्तूबर से उनका इलाज चल रहा था। 30 अक्तूबर की सुबह उनकी स्थिति नाजुक हो गई और उन्होंने वीरगति प्राप्त की।
इस घटना में एएसआई रामकृष्ण गागराई (खरसावां विधायक दशरथ गागराई के भाई) और हवलदार महेंद्र लश्कर (45) भी घायल हुए थे। असम निवासी महेंद्र लश्कर की 11 अक्तूबर को ही मृत्यु हो गई थी, जबकि एएसआई रामकृष्ण गागराई का इलाज जारी है।
इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा मूल रूप से बिहार के निवासी थे और लंबे समय से नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात रहकर अनेक अभियानों का नेतृत्व कर चुके थे। अधिकारियों और साथियों ने उनके कर्तव्यनिष्ठा, साहस और बलिदान को नमन किया है।
ज्ञात हो कि नक्सल प्रभावित इलाकों में आईईडी हमले अब भी सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हुए हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2026 तक देश से माओवाद के पूर्ण उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सीआरपीएफ परिवार ने उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा — “राष्ट्र उनके अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा को सदैव स्मरण रखेगा।”

