अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट में अगला कदम 03 नवंबर को तय होगा — रजिस्ट्रार कोर्ट में प्रारंभिक कार्यवाही पूर्ण
देश के अर्धसैनिक बलों — CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB और Assam Rifles — के जवानों की लंबे समय से चली आ रही पुरानी पेंशन योजना (OPS) की मांग अब न्यायिक प्रक्रिया के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुँच चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित सिविल अपील संख्या 9637/2024 (भारत संघ, गृह मंत्रालय व अन्य बनाम मनपाल सिंह व अन्य) की कार्यवाही 12 सितंबर 2025 को रजिस्ट्रार कोर्ट-1 में पूरी कर ली गई। रजिस्ट्रार सुजाता सिंह ने सभी प्रारंभिक औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए मामले को 03 नवंबर 2025 को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।
🔹 न्यायिक कार्यवाही का सारांश
रजिस्ट्रार कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कुछ अहम आदेश पारित किए गए, जिनसे यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि मामला अब मुख्य न्यायिक पीठ (Principal Bench) के समक्ष अंतिम सुनवाई की दिशा में बढ़ रहा है।
- सेवा में देरी को माफ किया गया:
भारत संघ की ओर से दायर उस आवेदन को मंजूरी दी गई जिसमें प्रतिवादी संख्या 74 को नोटिस सेवा में हुई देरी के लिए क्षमा (Condonation of Delay) मांगी गई थी। कोर्ट ने देरी माफ करते हुए नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। - प्रतिनिधित्व की स्थिति स्पष्ट:
रिकॉर्ड के अनुसार, प्रतिवादी संख्या 1 से 70, 72, 73 और 75 से 103 का विधिक प्रतिनिधित्व दर्ज हो चुका है। - गैर-उपस्थित प्रतिवादी:
प्रतिवादी संख्या 71 पर सेवा पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गई है, जो आगे की प्रक्रिया में तकनीकी पहलू बन सकता है।
🔹 03 नवंबर 2025: निर्णायक तारीख़ की ओर
सभी आवश्यक प्रारंभिक प्रक्रियाएँ लगभग पूरी हो चुकी हैं। न्यायिक गलियारों में चर्चा है कि 03 नवंबर 2025 को रजिस्ट्रार कोर्ट यह मामला सुप्रीम कोर्ट की मुख्य पीठ को भेजने का आदेश दे सकती है।
यदि ऐसा होता है, तो अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन से जुड़ा यह ऐतिहासिक मामला अंतिम सुनवाई (Final Hearing) के चरण में प्रवेश कर जाएगा।
हालांकि, यदि प्रतिवादी संख्या 71 की गैर-उपस्थिति को लेकर कोई आपत्ति बनी रहती है, तो सुनवाई में हल्का विलंब भी संभव है।
🔹 अर्धसैनिक परिवारों की उम्मीदें
पुरानी पेंशन योजना की बहाली का मुद्दा केवल वेतन संरचना या वित्तीय लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन जवानों के सम्मान, स्थायित्व और न्यायिक समानता से जुड़ा है जिन्होंने दशकों तक सीमाओं पर सेवा दी है।
देशभर के लाखों अर्धसैनिक परिवार अब 03 नवंबर 2025 की कार्यवाही को उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं।
क्या यह तारीख़ अर्धसैनिक बलों के लिए न्याय की नई दिशा तय करेगी?
यह अब सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश पर निर्भर करेगा।

