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ITBP डिप्टी कमांडेंट आयुष दीपक सुसाइड केस: बहन ने थानाध्यक्ष की गिरफ्तारी और न्याय की मांग को लेकर किया कैंडल प्रदर्शन

भारत-चीन बॉर्डर की हिफाजत करने वाले भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के डिप्टी कमांडेंट आयुष दीपक की आत्महत्या के मामले में अब उनके परिवार ने न्याय की लड़ाई तेज कर दी है। शनिवार को ललमटिया थाना के बाहर आयुष दीपक की बहन रंजना भारती और ज्योति कुमारी ने परिजनों के साथ हाथों में “न्याय दो, दोषी को सजा दो” जैसे स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर कैंडल जलाकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया।

परिजनों का आरोप है कि आयुष दीपक को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने वाले तत्कालीन ललमटिया थानाध्यक्ष राजीव रंजन पर केस दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। परिवार ने राजीव रंजन की गिरफ्तारी, केस की स्पीडी ट्रायल और सामाजिक बहिष्कार की मांग की है।

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को डिप्टी कमांडेंट आयुष दीपक ने पटियाला (पंजाब) स्थित अधिकारी मेस में आत्महत्या कर ली थी। उनके सुसाइड नोट में उन्होंने साफ लिखा था कि “बहन के साथ हुई ज्यादती से मन टूट गया”, और उन्होंने इस कदम के लिए ललमटिया थाने के तत्कालीन प्रभारी राजीव रंजन को जिम्मेदार ठहराया था।

जानकारी के मुताबिक, राजीव रंजन ने आयुष दीपक की बहन ज्योति कुमारी के खिलाफ गलत केस दर्ज कर अमानवीय व्यवहार किया था। इसी से आहत होकर आयुष दीपक ने यह चरम कदम उठाया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए आईटीबीपी और अन्य सीएपीएफ (CAPF) अफसरों में भी गहरा आक्रोश है। कई मौजूदा और पूर्व अफसरों ने इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है। आईटीबीपी के सख्त रुख के बाद पटियाला पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 के तहत राजीव रंजन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। इस धारा में 10 साल तक की सजा और जुर्माना का प्रावधान है।

परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारी को सजा नहीं मिलती, वे यह आंदोलन जारी रखेंगे। बीते सप्ताह भी उन्होंने कचहरी रोड पर कैंडल जलाकर सांकेतिक प्रदर्शन किया था।

अब आयुष दीपक की बहनें मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और रेंज आईजी से मिलकर न्याय की गुहार लगाने की तैयारी में हैं। उनका कहना है —

“भाई ने देश की सेवा करते हुए अपनी जान दी, अब हम उसके सम्मान और न्याय के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे।”

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