ITBP डिप्टी कमांडेंट आयुष दीपक सुसाइड केस में बड़ा अपडेट, बिहार पुलिस के SHO के खिलाफ पटियाला में केस दर्ज
भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करने वाले ‘इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP)’ के डिप्टी कमांडेंट आयुष दीपक सुसाइड केस में अब बड़ा कदम उठाया गया है।
आयुष दीपक ने 3 अक्टूबर को पटियाला (पंजाब) स्थित अधिकारी मैस में आत्महत्या कर ली थी। उनके सुसाइड नोट में बिहार पुलिस के SHO राजीव रंजन को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
अब ताज़ा जानकारी के मुताबिक, आईटीबीपी के सख्त रुख और केंद्रीय बल अफसरों के दबाव के बाद पटियाला पुलिस ने बिहार के SHO राजीव रंजन (थाना लालमटिया, पीओ नाथनगर, भागलपुर, बिहार) के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 के तहत केस दर्ज किया है — यह धारा आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़ी है, जिसमें 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
🔹 आईटीबीपी ने दिखाई सख्ती
आईटीबीपी की 51वीं बटालियन के कमांडेंट ने पटियाला के SSP को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी है।
पत्र में सुसाइड नोट, एफआईआर कॉपी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अटैच की गई है।
साथ ही, इस पत्र की प्रति डीजीपी पंजाब, आईजी (ईस्टर्न फ्रंटियर) आईटीबीपी और डीआईजी को भी भेजी गई है।
कमांडेंट ने आग्रह किया है कि पुलिस इस केस में त्वरित कार्रवाई कर रिपोर्ट आईटीबीपी को भेजे।

🔹 क्या है पूरा मामला
1 अक्टूबर को डिप्टी कमांडेंट आयुष दीपक, चंडीगढ़ स्थित 51वीं बटालियन से बीएचक्यू पटियाला पहुंचे थे।
उन्हें बिहार चुनावी ड्यूटी पर जाना था और वे अधिकारी मैस में ठहरे हुए थे।
3 अक्टूबर को जब उनकी पत्नी ने फोन नहीं उठाया, तो मैस कमांडर ने जाकर देखा — दरवाजा अंदर से बंद था।
खिड़की से झांकने पर आयुष दीपक का शव पंखे से लटका मिला।
🔹 सुसाइड नोट से खुलासा
मौके से दो सुसाइड नोट मिले — एक अंग्रेज़ी और दूसरा हिंदी में।
हिंदी पत्र में आयुष ने लिखा था कि लालमटिया थानेदार राजीव रंजन ने उनकी बहन ज्योति के साथ अमानवीय व्यवहार किया —
“उसके बाल पकड़कर घसीटा, कपड़े फाड़ दिए और बेइज़्ज़त किया। मैं उसकी मर्यादा की रक्षा नहीं कर सका। मेरी मौत का जिम्मेदार लालमटिया थानेदार है।”
उन्होंने लिखा कि शिकायतों के बावजूद बिहार पुलिस प्रशासन ने न्याय नहीं दिया, जिससे वे गहरी मानसिक पीड़ा में थे।
आयुष 2009 में आईटीबीपी में भर्ती हुए थे और भागलपुर (बिहार) के निवासी थे।
🔹 सीएपीएफ अफसरों में रोष
इस घटना के बाद केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) के वर्तमान और पूर्व अधिकारियों में गहरा आक्रोश है।
अधिकारियों ने कहा है कि जब एक अधिकारी को न्याय नहीं मिल पाता, तो यह पूरी व्यवस्था के लिए शर्मनाक स्थिति है।
उन्होंने बिहार पुलिस के SHO के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में कोई अधिकारी या जवान असहाय महसूस न करे।


Sabhi capf personals ko ek application likh kr bihar police DGP likhni chahiye jisse govt ka dhyan ees or jaye