दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: कोमा में भर्ती BSF इंस्पेक्टर को रिटायर करने की कार्रवाई पर रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के इंस्पेक्टर सुनील कुमार को मेडिकल आधार पर सेवा से हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। सुनील कुमार गंभीर हालत में कोमा में हैं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। इसके बावजूद उन्हें ‘शो कॉज नोटिस’ जारी कर मेडिकल रिटायरमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।
अदालत का सख्त रुख
जस्टिस सी हरि शंकर और ओपी शुक्ला की बेंच ने कहा कि इस तरह का नोटिस जारी करना समझ से परे है। अदालत ने BSF प्रशासन से पूछा कि “कैसे किसी ऐसे व्यक्ति को नोटिस भेजा जा सकता है जो वेजिटेटिव स्टेट में है और अपनी बात रखने में असमर्थ है?”
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि शो कॉज नोटिस का जवाब सुनील कुमार की पत्नी को देना पड़ा, क्योंकि उनकी हालत ऐसी नहीं है कि वे खुद कोई प्रतिक्रिया दे सकें।
मामला क्या है?
- इंस्पेक्टर सुनील कुमार को मेडिकल बोर्ड ने 90% दिव्यांग घोषित किया और शारीरिक रूप से ‘अनफिट’ करार दिया।
- BSF कमांडेंट ने 5 अगस्त 2025 को उन्हें शो कॉज नोटिस जारी किया और कहा कि नियम 25, BSF रूल्स 1969 के तहत उन्हें सेवा से हटाया जा सकता है।
- नोटिस में यहां तक लिखा था कि अगर समय पर जवाब नहीं आया तो माना जाएगा कि सुनील कुमार को कुछ कहना नहीं है, और एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।
केंद्र सरकार का तर्क
केंद्र सरकार के वकील ने दलील दी कि नोटिस “कानून के अनुसार” जारी किया गया है और उस पर पत्नी द्वारा दिया गया जवाब विचाराधीन है। हालांकि अदालत ने इसे असंवेदनशील रवैया बताते हुए सवाल उठाए।
अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने BSF से शपथपत्र (affidavit) दाखिल करने को कहा है और मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2026 में होगी। तब तक यह नोटिस स्थगित रहेगा।