राष्ट्रपति मेडल सम्मानित CRPF जवान की जमीन पर कब्जा; परिवार सहित आत्महत्या की चेतावनी, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
श्योपुर (मध्यप्रदेश): देश की सेवा में वर्षों से समर्पित और राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित सीआरपीएफ जवान मोहर सिंह जादौन ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जवान का कहना है कि उनके गांव वीरपुर स्थित निजी भूखंड पर पूर्व सरपंच भगत सिंह जादौन ने अवैध कब्जा कर लिया है। यही नहीं, उनकी जमीन तक पहुंचने वाला सरकारी रास्ता भी बंद कर दिया गया, जिसके चलते वे अपनी संपत्ति तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
मोहर सिंह जादौन ने बताया कि वे वर्ष 2021 से लगातार प्रशासन को शिकायतें दे रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जवान का आरोप है कि शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। यहां तक कि उन्होंने यह भी कहा कि कलेक्टर ने उनका और उनके परिवार का नंबर तक ब्लॉक कर दिया।
चार बार वीरता सम्मान प्राप्त, फिर भी न्याय से वंचित
मोहर सिंह जादौन इस समय सीआरपीएफ में श्रीनगर में तैनात हैं। वे अब तक चार बार वीरता के लिए सम्मानित हो चुके हैं और वर्ष 2016 में छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान दो नक्सलियों को मार गिराने पर राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित किए गए थे।
परिवार में गहराता मानसिक दबाव
जवान ने बताया कि लगातार अन्याय और अनदेखी के चलते उनका पूरा परिवार मानसिक तनाव में है। उनकी पत्नी ज्योति जादौन, बेटी काव्या (14 वर्ष) और बेटा ऋषभ (11 वर्ष) इस स्थिति से बेहद परेशान हैं। जवान ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही प्रशासन ने कब्जा नहीं हटाया, तो वे परिवार सहित आत्महत्या करने को मजबूर होंगे।
मोहर सिंह ने कहा,
“अगर देश की सीमाओं पर तैनात फौजी की जमीन सुरक्षित नहीं है, तो आम आदमी न्याय की उम्मीद कैसे करे?”
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि आत्महत्या की नौबत आई, तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और कब्जाधारियों की होगी।
न्याय की गुहार या आंदोलन की चेतावनी
जवान ने जिला प्रशासन से तत्काल न्याय की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो यह मामला एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।

