दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: दो शादियों पर विवाद में बर्खास्त किए गए CRPF जवान को बहाल करने का आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाते हुए उसकी बर्खास्तगी को रद्द कर दिया है और उसे सेवा में तुरंत बहाल करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि बर्खास्तगी जैसी सजा केवल अत्यंत गंभीर और अपूरणीय अनुशासनहीनता के मामलों में ही दी जानी चाहिए, क्योंकि यह कदम न केवल कर्मचारी की आजीविका छीनता है बल्कि उसके परिवार को भी गहरे आर्थिक और सामाजिक संकट में डाल देता है।
मामला उस समय शुरू हुआ जब सीआरपीएफ जवान को विभागीय अधिकारियों ने तीन आरोपों के आधार पर सेवा से बर्खास्त कर दिया था—पहली पत्नी के रहते दूसरी महिला से विवाह करना, बिना पूर्व सूचना दिए शादी करना और दूसरी पत्नी की बेटी के लिए औपचारिक गोद लेने से पहले ही चाइल्ड केयर अलाउंस का दावा करना।
कोर्ट का अवलोकन:
न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि यह मामला न तो नैतिक पतन से जुड़ा था और न ही किसी वित्तीय अनियमितता से। अदालत ने टिप्पणी की कि “सेवा से हटाना कोई सामान्य अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हो सकती। यह दंड तभी उचित है जब कर्मचारी की लापरवाही से संस्था या समाज को गंभीर नुकसान पहुंचा हो।”
पहली शादी समाप्त करने का प्रमाण स्वीकार:
याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि जवान की पहली शादी ग्राम पंचायत के समक्ष स्टांप पेपर पर हुए विवाह विच्छेद डीड के माध्यम से समाप्त की गई थी। अदालत ने पाया कि विभागीय अधिकारियों ने इस तथ्य को स्वीकार किया था और इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। इसलिए, जवान द्वारा दूसरी शादी करना “सद्भावना और ईमानदार विश्वास” के तहत किया गया माना गया।
चाइल्ड केयर अलाउंस पर अदालत की टिप्पणी:
कोर्ट ने कहा कि जवान की दूसरी पत्नी की बेटी के लिए भत्ता लेना गलत मंशा से प्रेरित नहीं था। औपचारिक गोद लेने की प्रक्रिया बाद में पूरी हुई, लेकिन बच्ची की जिम्मेदारी पहले से ही जवान पर थी। इसलिए इस आधार पर बर्खास्तगी उचित नहीं थी।
सेवा में निरंतरता और लाभ:
अदालत ने आदेश दिया कि जवान को सेवा में निरंतरता (continuity of service) दी जाएगी, जिससे उसकी वरिष्ठता और वेतन निर्धारण जैसे सभी लाभ बरकरार रहेंगे। हालांकि, जिस अवधि में वह वास्तविक रूप से सेवा में नहीं रहा, उसके लिए वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा।

