ऐतिहासिक उपलब्धि: इंस्पेक्टर भावना चौधरी बनीं BSF एयर विंग की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर
भारत की सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने इतिहास रच दिया है। इंस्पेक्टर भावना चौधरी अब BSF एयर विंग की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बन गई हैं। यह उपलब्धि न केवल BSF के लिए बल्कि देश की सभी वर्दीधारी महिलाओं के लिए प्रेरणा है।
हाल ही में BSF के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने इंस्पेक्टर भावना चौधरी सहित चार अन्य पुरुष अधीनस्थ अधिकारियों को फ्लाइंग बैज प्रदान किए।
BSF का एयर विंग, जो 1969 से गृह मंत्रालय (MHA) के अंतर्गत संचालित हो रहा है, अर्धसैनिक बलों, एनएसजी (NSG) और एनडीआरएफ (NDRF) जैसी विशेष इकाइयों की परिचालन जरूरतों को पूरा करता है।
अधिकारियों के अनुसार, इन पाँचों अधिकारियों को BSF एयर विंग के प्रशिक्षकों द्वारा प्रारंभिक प्रशिक्षण (ab-initio) दिया गया और उन्होंने दो महीने का विशेष प्रशिक्षण पूरा किया। प्रशिक्षण अगस्त में शुरू हुआ, जिसमें लगभग 130 घंटे की स्किल डेवलपमेंट और वास्तविक ऑपरेशनल एक्सपोजर शामिल था। प्रशिक्षण के दौरान, उन्होंने बाढ़ राहत जैसे अभियानों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया।
BSF एयर विंग को लंबे समय से अपने Mi-17 हेलिकॉप्टर बेड़े में फ्लाइट इंजीनियरों की कमी का सामना करना पड़ रहा था। पहले बैच के तीन अधिकारियों को भारतीय वायु सेना (IAF) ने प्रशिक्षित किया था, लेकिन दूसरे बैच के लिए स्लॉट न मिलने के कारण BSF ने गृह मंत्रालय से अनुमति लेकर इन-हाउस ट्रेनिंग शुरू की। इसी पहल के तहत इंस्पेक्टर भावना चौधरी और चार अन्य अधिकारियों ने प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।
वर्तमान में BSF एयर विंग Embraer जेट, Mi-17 IV, Mi-17 V5, Cheetah और ALH Dhruv जैसे विमान और हेलिकॉप्टर संचालित करता है।
तीन लाख से अधिक कर्मियों वाली BSF, दिसंबर 1965 में स्थापित की गई थी और यह भारत की सीमाओं — विशेषकर पाकिस्तान और बांग्लादेश — की सुरक्षा के साथ-साथ देश के भीतर भी कई आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियाँ निभाती है।

