BSF महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी 30 नवंबर 2025 को होंगे सेवानिवृत्त
1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी, जो वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं, 30 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। इसके साथ ही पुलिसिंग और आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में उनके 34 वर्षों की उल्लेखनीय सेवा यात्रा का समापन होगा।
उत्तर प्रदेश कैडर के इस वरिष्ठ अधिकारी ने अपने करियर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में कई अहम पदों पर कार्य किया है। अगस्त 2024 में बीएसएफ के महानिदेशक का पद संभालने से पहले वे सशस्त्र सीमा बल (SSB) के डीजी रहे और कुछ समय के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के डीजी का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। उनके नेतृत्व को निर्णायक, पारदर्शी और रणनीतिक दृष्टि वाला माना जाता है।
इससे पहले वे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में विशेष महानिदेशक तथा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में अतिरिक्त डीजी के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। इन पदों पर रहते हुए उन्होंने देश की सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।
उत्तर प्रदेश पुलिस में अपने कार्यकाल के दौरान चौधरी ने कई सफल अभियानों का नेतृत्व किया, जिनमें 2005 में कुख्यात गैंगस्टर निर्भय गुर्जर का एनकाउंटर और 2017 में लखनऊ में ISIS खुरासान मॉड्यूल के आतंकी के खिलाफ ऑपरेशन प्रमुख हैं।
उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें चार बार पुलिस पदक वीरता (Gallantry Medal), राष्ट्रपति पुलिस पदक (President’s Police Medal), Police Medal for Meritorious Service, और अति उत्कृष्ट सेवा पदक (Ati Utkrisht Seva Medal) से सम्मानित किया गया है।
विज्ञान और कानून में स्नातक दलजीत सिंह चौधरी एक प्रशिक्षित स्काइडाइवर और निशानेबाज भी हैं। वे उन चुनिंदा पुलिस अधिकारियों में से हैं जिनमें साहस, अनुशासन और दूरदर्शी नेतृत्व का बेहतरीन संयोजन देखने को मिलता है।
उनकी सेवानिवृत्ति के साथ भारत की अर्धसैनिक और पुलिस सेवाओं के एक गौरवशाली अध्याय का समापन होगा।

