BSF की कांस्टेबल शिवानी ने रचा इतिहास: सिर्फ 5 महीने में मिला आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन, जीता वर्ल्ड वुशु चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल
सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 60 वर्षों के इतिहास में पहली बार किसी कांस्टेबल को सिर्फ पांच महीने की सेवा के भीतर आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन मिला है। यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है उत्तर प्रदेश के दादरी की रहने वाली कांस्टेबल शिवानी ने, जिन्हें विश्व वुशु चैंपियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन के लिए हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया है।

शिवानी ने बीएसएफ में शामिल होकर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे बल का नाम रोशन किया है। उन्होंने ब्राज़ील में 31 अगस्त से 8 सितंबर 2025 तक आयोजित 17वीं वर्ल्ड वुशु चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। इसी उत्कृष्ट उपलब्धि के आधार पर बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने उन्हें गुरुवार को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन प्रदान किया।
यह पहली बार है जब बीएसएफ में किसी महिला कांस्टेबल को इतनी कम अवधि में यह सम्मान मिला है। इससे पहले जुलाई 2025 में बीएसएफ के कांस्टेबल अनुज (सेंट्रल वुशु टीम) को चीन के जियांगयिन में आयोजित 10वें संडा वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल जीतने पर हेड कांस्टेबल बनाया गया था।

बीएसएफ महानिदेशक चौधरी ने कहा कि खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जवानों को प्रोत्साहित करने के लिए गृह मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के दिशा-निर्देशों के तहत आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन का प्रावधान है।
उन्होंने कहा, “अनुज और शिवानी दोनों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। यह न केवल उनके लिए सम्मान की बात है बल्कि इससे पूरे बीएसएफ खेल दल को प्रेरणा मिलेगी।”

डीजी चौधरी ने शिवानी की तारीफ करते हुए कहा, “वह बीएसएफ की एक उत्कृष्ट खिलाड़ी हैं। उन्होंने ब्राज़ील में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर देश और बल का गौरव बढ़ाया है।”
खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं पर उन्होंने कहा कि बीएसएफ अपने खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराता है — बेहतर डाइट, उपकरण, कोच, फिजियोथेरेपिस्ट और चिकित्सकीय सहायता तक।
बीएसएफ की 155 बटालियन, पंजाब से जुड़ी शिवानी ने कहा, “मैंने 1 जून 2025 को सेवा जॉइन की थी और अब पांच महीने में प्रमोशन मिला है। मैं रोज सुबह और शाम दो-दो घंटे अभ्यास करती हूं। अब मेरा लक्ष्य देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं अपने साथियों से कहना चाहूंगी कि मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती। जो भी ईमानदारी और लगन से प्रयास करेगा, उसे भी यह अवसर अवश्य मिलेगा।”

