बस्तर में CRPF ने ग्रामीणों को बांटे रेडियो सेट, मुख्यधारा से जोड़ने की पहल
नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने एक विशेष जनसंपर्क अभियान के तहत 10,800 रेडियो सेट वितरित किए हैं। गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा प्रायोजित इस योजना के लिए 1.62 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। अभियान का उद्देश्य दूरस्थ इलाकों के ग्रामीणों और आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ना और माओवादी विचारधारा के प्रभाव को कमजोर करना है।
चार महीने तक चले इस अभियान में सीआरपीएफ की 180 कंपनियों को शामिल किया गया, जिन्हें प्रत्येक को 60-60 रेडियो सेट उपलब्ध कराए गए थे। इन रेडियो सेटों के वितरण से लगभग 54,000 लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें प्रत्येक परिवार को औसतन पांच सदस्यों के आधार पर शामिल किया गया।
सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह अभियान सैकड़ों छोटे-बड़े जनसंपर्क कार्यक्रमों और स्थानीय आयोजनों के माध्यम से पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र अभियानों के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और कल्याणकारी योजनाएं ही नक्सल प्रभावित समुदायों को माओवादी प्रभाव से दूर ले जा सकती हैं।
रेडियो सेटों के माध्यम से ग्रामीण अब सरकारी योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और मनोरंजन से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, वे प्रधानमंत्री की मासिक ‘मन की बात’ और अन्य राष्ट्रीय प्रसारणों से भी अवगत रहेंगे।
गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ को यह भी निर्देश दिया है कि दूरस्थ इलाकों में अतिरिक्त रेडियो टावर स्थापित करने के लिए संभावित स्थानों की पहचान की जाए, ताकि बस्तर के ग्रामीण राज्य और देश की खबरों से निरंतर जुड़े रह सकें।
यह पहल केंद्र सरकार के 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने के संकल्प को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों का नेतृत्व कर रही सीआरपीएफ न केवल सुरक्षा मोर्चे पर बल्कि सामाजिक जुड़ाव के क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
