ITBP जवान विक्रम का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, ग्रामीणों ने प्रशासन की अनुपस्थिति पर जताई नाराज़गी
नरवाना के गुरुसर गांव में शुक्रवार का दिन गमगीन माहौल के बीच बीता, जब इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के 28 वर्षीय जवान विक्रम का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। लेह-लद्दाख में तैनात विक्रम 20 दिन की छुट्टी पर घर आए थे और हांसी में एक शादी समारोह से लौटते समय हुए सड़क हादसे में उनकी मृत्यु हो गई थी।

ग्रामीणों ने बताया कि विक्रम करीब छह वर्ष पहले आईटीबीपी में भर्ती हुए थे। दो वर्ष पूर्व ही उनकी शादी हुई थी। छुट्टी पर आए उन्हें मात्र तीन दिन ही हुए थे कि यह दर्दनाक हादसा हो गया। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है, जबकि माता-पिता के दुख को शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं।
शुक्रवार को गांव में विक्रम की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें सैंकड़ों ग्रामीण, रिश्तेदार और परिचित शामिल हुए। आईटीबीपी पटियाला बटालियन से आई टीम ने जवान को सैन्य सम्मान देते हुए सलामी दी। विक्रम की चिता को उनके चचेरे भाई ने मुखाग्नि दी।
इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया। ग्रामीणों का कहना था कि उनका बेटा देश की रक्षा करता था, लेकिन दुख की इस घड़ी में कोई अधिकारी परिवार का हाल तक जानने नहीं पहुंचा। इसे उन्होंने प्रशासन की संवेदनहीनता करार दिया।
कैसे हुआ हादसा?
आईटीबीपी जवान विक्रम अपने दोस्त किस्मत के साथ करनाल के एक शादी समारोह से लौट रहे थे। कैलरम-कलायत मार्ग पर गुरुवार सुबह विक्रम को कार चलाते हुए अचानक नींद की झपकी आ गई। नियंत्रण खोने के बाद कार पलट गई, जिससे मौके पर ही विक्रम की मौत हो गई, जबकि उनका साथी किस्मत गंभीर रूप से घायल हो गया।
प्रशासन का पक्ष
एसडीएम नरवाना जगदीश चंद्र ने कहा कि गुरुसर गांव में हुए अंतिम संस्कार के बारे में उन्हें जानकारी नहीं मिली थी। जिला सैनिक बोर्ड की ओर से भी कोई संदेश प्राप्त नहीं हुआ था।
यह दर्दनाक घटना पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश दोनों छोड़ गई है। जवान विक्रम के बलिदान को ग्रामीणों ने नमन किया तथा प्रशासन से ऐसे मामलों में संवेदनशीलता बरतने की अपील की।

