गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा की,सुरक्षा बलों को मिली पूर्ण कार्रवाई की छूट।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति और विकास कार्यों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, आईबी निदेशक तपन डेका, जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात, सीआरपीएफ डीजी जी.पी. सिंह, बीएसएफ डीजी दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सतर्कता, गृह मंत्री ने दिए सख्त निर्देश
अधिकारियों ने गृहमंत्री को जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सुरक्षा स्थिति, पहलगाम आतंकी हमले के बाद चल रहे काउंटर टेरर ऑपरेशंस, और विकास कार्यों की प्रगति पर जानकारी दी। शाह ने कहा कि सरकार की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता नीति (Zero Tolerance Policy) जारी रहेगी और किसी भी आतंकी साजिश को कड़े हाथों से कुचला जाएगा।
गृहमंत्री अमित शाह का बयान: आतंक के इकोसिस्टम को करेंगे पूरी तरह खत्म
बैठक के बाद अमित शाह ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा —
“उपराज्यपाल और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। हम जम्मू-कश्मीर में आतंक के पूरे इकोसिस्टम को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे सुरक्षा बलों को क्षेत्र की शांति और स्थिरता को खतरे में डालने वाली किसी भी कोशिश को कुचलने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है।”
उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता और आपसी तालमेल और मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जम्मू-कश्मीर को प्रधानमंत्री मोदी जी के आतंक-मुक्त विज़न की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ाया जा सके।
सरकार का स्पष्ट संदेश: आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं
गृहमंत्री ने दोहराया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति और विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि आने वाले सर्दियों के मौसम और बर्फबारी के दौरान सीमा पार से घुसपैठ की किसी भी कोशिश को रोकने के लिए सभी एजेंसियां पूर्ण सतर्कता बनाए रखें।
अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि सुरक्षा बलों को पूरी कार्रवाई की छूट दी गई है ताकि किसी भी आतंकी गतिविधि को पहले ही चरण में नाकाम किया जा सके।
विकास और शांति – केंद्र सरकार की दोहरी प्राथमिकता
बैठक में विकास कार्यों की प्रगति पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास एक-दूसरे के पूरक हैं। सरकार का लक्ष्य है कि घाटी में पर्यटन को बढ़ावा मिले, युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें और आम नागरिक डर के माहौल से मुक्त होकर सामान्य जीवन जी सकें।


महोदय, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की पुरानी पेंशन लागू करवा दीजिए।