CISF ने बदला ट्रेनिंग पैटर्न: अब ‘वन फोर्स, वन ट्रेनिंग’, एंटी-ड्रोन ट्रेनिंग अनिवार्य
देश के सबसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों — संसद भवन, एयरपोर्ट और औद्योगिक इकाइयों — की सुरक्षा संभालने वाले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपने ट्रेनिंग पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है। अब सीआईएसएफ में ‘वन फोर्स, वन ट्रेनिंग’ की नीति लागू की गई है, जिसके तहत जवानों से लेकर अफसरों तक सभी को एक जैसी ट्रेनिंग दी जाएगी।
इस नए पैटर्न में एंटी-ड्रोन ट्रेनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन हमलों जैसी चुनौतियों को ध्यान में रखकर उठाया गया है। अब हर जवान और अफसर को ऐसी परिस्थितियों से निपटने की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
🔹 एनएसजी जैसी ट्रेनिंग, भविष्य की चुनौतियों पर फोकस
हैदराबाद में सीआईएसएफ के डीजी राजविंदर सिंह भट्टी की अध्यक्षता में आयोजित एनुअल ट्रेनिंग कॉन्फ्रेंस में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। इस दौरान बल को भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों के लिए और अधिक सक्षम बनाने पर जोर दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, अब सीआईएसएफ के सभी कैडेट्स को एनएसजी जैसी कठिन ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे किसी भी आतंकी या आपात स्थिति का डटकर सामना कर सकें।
🔹 20 नई ट्रेनिंग मॉड्यूल
नए पैटर्न में 20 अलग-अलग ट्रेनिंग मॉड्यूल शामिल किए गए हैं, जिनमें —
- एयरपोर्ट सिक्योरिटी ट्रेनिंग,
- साइबर सिक्योरिटी,
- काउंटर ड्रोन सिस्टम,
- एआई और टेक्नोलॉजी सेक्टर ट्रेनिंग प्रमुख हैं।
🔹 एंटी-टेरर कोर्स और NSG स्तर की बाधाएं
सीआईएसएफ के जवानों के लिए अब बैटल ऑब्स्टेकल असॉल्ट कोर्स (BoAC) भी लागू किया गया है। इसमें 26 कठिन बाधाएं शामिल हैं, जिनका स्तर एनएसजी ट्रेनिंग जैसा ही होगा। इससे बल की एंटी-टेरर क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
🔹 महिला बटालियन और बढ़ी ट्रेनिंग क्षमता
सीआईएसएफ की पहली महिला बटालियन भी अब ट्रेनिंग पूरी कर फील्ड में उतरने को तैयार है। इनकी तैनाती संसद और एयरपोर्ट जैसे अति-संवेदनशील इलाकों में की जाएगी।
बल ने अपने ट्रेनिंग सेंटरों की क्षमता को 50% तक बढ़ाया है। अब हर साल कम से कम 15,000 जवानों को आधुनिक ट्रेनिंग दी जाएगी।
🔹 साइबर सुरक्षा पर भी फोकस
साइबर अटैक जैसी नई चुनौतियों से निपटने के लिए बल को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे सीआईएसएफ न केवल फिजिकल बल्कि डिजिटल सिक्योरिटी के क्षेत्र में भी और मजबूत बनकर उभरेगा।

